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वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग ने छतबीड़ चिड़ियाघर में जानवरों को ठंड से बचाने के लिए किए विशेष प्रबंध

चंडीगढ़ ; सर्दियों के आगमन एवं खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क की अगुवाई में वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग, पंजाब ने छतबीड़ के महिंदर चौधरी जूलॉजिकल पार्क में जानवरों के लिए साफ-सुथरे एवं सुरक्षित वातावरण को सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।

मांसाहारी जानवरों बाघ, चीता, शेर एवं अन्य बिल्ली प्रजातियों के लिए रात के आश्रय स्थानों में रूम हीटर एवं हीट कन्वेक्टर की व्यवस्था की गई है। सभी खिड़कियों एवं खुले स्थानों को पॉलीथीन शीट या फाइबर शीट एवं सरकंडे घास की छत से ढका गया है। सभी वृद्ध एवं छोटी उम्र के जानवरों के लिए विशेष तापमान नियंत्रण प्रबंध किए गए हैं।

शाकाहारी जानवरों के लिए बांधने वाली तारों एवं रस्सियों की मदद से अस्थायी आश्रय/झोपड़ियां बनाई गई हैं, जिससे इन शाकाहारी जानवरों के सभी बाड़ों में वाटरप्रूफ प्रबंधों (छतों को काली तिरपाल से ढकने) की सुविधा दी गई है। सभी शाकाहारी जानवरों के लिए आरामदायक फर्श हेतु पराली एवं तूड़ी के बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।

सभी पक्षियों के पिंजरों को फाइबर कपड़े, जूट मैट एवं पॉलीथीन की चादरों से अच्छी तरह ढका गया है ताकि उन्हें ठंड एवं बारिश से बचाया जा सके। सभी पक्षियों के घोंसलों को गर्म रखने के लिए पराली, तूड़ी एवं चावलों के भूसे के बिस्तरों का उपयोग किया गया है। पक्षियों के पिंजरों के ढक्कन आगे के हिस्से से फोल्ड हो सकते हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें धूप लगने के लिए खोला जा सके। आरामदायक वातावरण के लिए सभी तीतरों के पिंजरों को घास/धान के ढांचे से भरपूर बनाया गया है।

इसके अलावा रेंगने वाले जंतुओं की बिलों पर ऑयल फिन हीटर लगाए गए हैं एवं ये हीटर आसपास की प्राकृतिक नमी को प्रभावित नहीं करते। इसके अलावा रेंगने वाले जंतुओं के सभी सेलों के लिए तूड़ी, सूखे पत्तों एवं भारी कंबलों की व्यवस्था की गई है जो इन रेंगने वाले जंतुओं के लिए बहुत आरामदायक हैं। रेंगने वाले जंतुओं वाले सेक्शन में विशेष यू.वी. लैंप लगाए गए हैं। कछुओं एवं पानी में रहने वाले कछुओं के लिए वाटर सर्कुलेशन सिस्टम वाले विशेष एक्वेरियम वाटर हीटर भी लगाए गए हैं।

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