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Online Ads Tracking : कुछ भी बात करते ही इंटरनेट पर आपको वही-वही Ads क्यों दिखते हैं? जान कर रह जाएंगे हैरान

जब भी आप इंटरनेट (Internet) पर कुछ सर्च (Search) करते हैं या इंस्टाग्राम-फेसबुक जैसे ऐप्स (Apps) स्क्रॉल करते हैं, तो आपने नोटिस किया होगा कि वही Ads बार-बार दिखने लगते हैं। कभी-कभी ऐसे Ads भी दिख जाते हैं जिनके बारे में आपने सोचा तक नहीं।
तो दिमाग में सवाल उठता है—आखिर ये Ads मुझे क्यों दिखते हैं?इसके पीछे कई डिजिटल ट्रिक्स (Digital Tricks) काम करती हैं।

1. मार्केटिंग की चालें (Marketing Tricks)

आप इंस्टाग्राम या फेसबुक स्क्रॉल करते हैं तो जो Ads बार-बार दिखाई देते हैं, वे वही चीजें होती हैं जिन्हें आप खरीदने (Purchase) का सोच रहे थे।ये कंपनियों की सोची-समझी रणनीति (Strategy) होती है ताकि प्रोडक्ट का नाम आपके दिमाग में बना रहे।Ads का डिज़ाइन (Design) ऐसा होता है कि वह आपको लगे—ये चीज आपकी लाइफ में जरूरी (Essential) है।यानी ध्यान हटाओ, रंग-बिरंगे Ads दिखाओ और यूज़र को आकर्षित (Attract) कर लो।

2. कुकीज़ (Cookies)

जैसे ही आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं या किसी प्रोडक्ट में रुचि (Interest) दिखाते हैं—आपकी यह जानकारी इंटरनेट पर सेव (Saved) हो जाती है।Cookies बताती हैं कि आपने क्या खोजा, कब खोजा, और आपकी पसंद (Preference) क्या है।इस डेटा (Data) के आधार पर उसी सर्च से जुड़े Ads आपको बार-बार दिखाए जाते हैं, क्योंकि क्लाउड (Cloud) में आपका पैटर्न पहले से मौजूद होता है।

3. नेटवर्क शेयरिंग (Network Sharing)

Google, Meta, Instagram और बाकी ऐप्स एक ही डिजिटल नेटवर्क (Digital Network) से जुड़े होते हैं।कई बार आपका डेटा इस नेटवर्क में शेयर हो जाता है।इस वजह से आप ऑनलाइन कुछ खोजते ही उससे जुड़े Ads विभिन्न ऐप्स में दिखने लगते हैं।

4. ऐप्स का आपस में कनेक्शन (Inter-App Connectivity)

आजकल ज्यादातर ऐप्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और बैकग्राउंड (Background) में आपकी पसंद-नापसंद रिकॉर्ड करते रहते हैं।वे देखते हैं कि आपको किस तरह के प्रोडक्ट पसंद हैं और आप कितना खर्च (Spending Capacity) करने को तैयार रहते हैं।इसी डेटा के आधार पर ऐप्स आपकी खरीदारी की आदतें (Buying Behavior) समझते हैं और आपके सामने वही Ads लाते हैं जिनके क्लिक होने की संभावना ज्यादा होती है।

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