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पॉपुलैरिटी के लिए क्रूरता! इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया बेजुबान की हत्या का वीडियो, हैरान कर देगी बेजुबान के कातिल की ये कहानी

पलक्कड़/कोयंबटूर – सोशल मीडिया की सनक और वर्चुअल पॉपुलैरिटी की होड़ ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। केरल के पलक्कड़ ज़िले के चेरपुलसेरी कस्बे में एक युवक ने सिर्फ इंस्टाग्राम स्टोरी के लिए एक मासूम बिल्ली की बेरहमी से हत्या कर दी। यही नहीं, उसने इस घिनौने कृत्य का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया।

दरिंदगी का वीडियो बना सबूत

32 वर्षीय शजीर नामक आरोपी ने पहले बिल्ली को खाना खिलाया, फिर उसके साथ ऐसा क्रूर व्यवहार किया, जिसे सुनकर रूह कांप उठे। उसने बिल्ली को बेरहमी से मार डाला और फिर उसके मृत शरीर के हिस्सों को कैमरे में रिकॉर्ड किया। इस वीडियो को उसने बिना किसी पछतावे के इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपलोड कर दिया।

वीडियो वायरल होते ही पूरे इलाके में गुस्से की लहर दौड़ गई। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शजीर को हिरासत में ले लिया है और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच शुरू कर दी गई है।

कोयंबटूर में शूट हुआ था वीडियो

पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि यह वीडियो केरल में नहीं बल्कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में शूट किया गया था। हालांकि आरोपी फिलहाल केरल में था, जिसे वहीं से गिरफ्तार किया गया।

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 325 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो किसी जानवर को चोट पहुंचाने या मारने से जुड़ी है।

साथ ही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11(1) के तहत भी केस दर्ज किया गया है, जो जानवरों के प्रति अमानवीय व्यवहार को दंडनीय अपराध मानती है।

सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा

जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForCat ट्रेंड करने लगा। हजारों लोगों ने इस बर्बरता की निंदा की और आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। कई सेलिब्रिटी और पशु प्रेमियों ने भी इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की चुप्पी पर सवाल उठाए।

क्राइम का नया टूल बनता सोशल मीडिया

यह पहला मामला नहीं है जब किसी ने सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज़ के लिए जघन्य अपराध को अंजाम दिया हो। पहले भी ऐसे कई वीडियो सामने आ चुके हैं, जिनमें जानवरों को टॉर्चर करते हुए रिकॉर्ड किया गया। इस प्रवृत्ति ने एक बड़ा सामाजिक प्रश्न खड़ा कर दिया है – क्या संवेदनाएं अब सिर्फ स्क्रीन तक सिमट गई हैं?

पशु कार्यकर्ता की सजगता बनी मिसाल

इस केस में एक पशु अधिकार कार्यकर्ता की सजगता ने बड़ा फर्क डाला। उसने न सिर्फ वीडियो को गंभीरता से लिया, बल्कि तुरंत पुलिस को सूचित कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करवाई। यह घटना दर्शाती है कि यदि समाज का हर नागरिक सजग हो, तो ऐसे अपराधों पर समय रहते लगाम लगाई जा सकती है।

क्या होगा आगे?

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं – वीडियो फुटेज, सोशल मीडिया रिकॉर्ड्स और गवाहों के बयान। जल्द ही मामला कोर्ट में जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि आरोपी को सख्त सजा मिलेगी, जिससे ऐसे अपराधियों को भविष्य में चेतावनी मिल सके।

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