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French fries: सावधान! अगर हफ्ते में तीन बार भी खाते है फ्रेंच फ्राइज तो बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा, रिसर्च में खुलासा

आज के दौर में फास्ट फूड का चलन तेज़ी से बढ़ा है, खासकर युवाओं के बीच। दोस्तों के साथ आउटिंग हो, ऑफिस ब्रेक में स्नैक्स टाइम हो या फिर छोटी-मोटी पार्टी—फ्रेंच फ्राइज हमेशा पहली पसंद बन जाते हैं। यह स्वाद में तो लाजवाब है, लेकिन एक हालिया स्टडी ने इसके गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चेतावनी दी है।

हर हफ्ते तीन बार फ्रेंच फ्राइज खाने से डायबिटीज का खतरा 20% तक बढ़ता है
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति हर हफ्ते तीन बार फ्रेंच फ्राइज खाता है, तो टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 20% तक बढ़ सकता है। यह अध्ययन हार्वर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया, जिसमें दो लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया और उन्हें 40 वर्षों तक ट्रैक किया गया।

शोध की शुरुआत में किसी प्रतिभागी को न डायबिटीज थी, न हृदय रोग और न ही कैंसर। लेकिन लंबे समय तक निरीक्षण के बाद यह सामने आया कि 22,000 से अधिक लोगों में टाइप-2 डायबिटीज विकसित हुई, और इसका संबंध उनकी आलू की खपत, खासकर फ्रेंच फ्राइज के रूप में सेवन से जुड़ा पाया गया।

कैसे नुकसान करता है फ्रेंच फ्राइज?
शोधकर्ताओं के अनुसार, आलू में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ऊंचा होता है। इसका मतलब यह है कि यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। हालांकि, आलू में फाइबर, विटामिन-C और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, लेकिन उसे किस प्रकार पकाया गया है, यह भी बेहद अहम भूमिका निभाता है।

उदाहरण के तौर पर:

उबले, बेक किए गए या मैश किए गए आलू खाने से डायबिटीज का खतरा केवल 5% बढ़ता है।

लेकिन तले हुए फ्रेंच फ्राइज खाने से यह खतरा सीधे 20% तक उछल जाता है।

फ्रेंच फ्राइज की जगह साबुत अनाज को दें प्राथमिकता
शोध में यह भी बताया गया कि अगर लोग हफ्ते में तीन बार फ्रेंच फ्राइज की जगह साबुत अनाज (Whole Grains) जैसे दलिया, ब्राउन राइस या ओट्स को अपनाएं, तो टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 19% तक घट सकता है।

टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण
स्वास्थ्य संस्थान क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज के कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

बार-बार प्यास लगना

बार-बार पेशाब आना

बहुत अधिक भूख लगना

थकान महसूस होना

घाव या चोट का धीरे भरना

हाथों-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन

आंखों से धुंधला दिखाई देना

त्वचा का अधिक ड्राई होना

बिना वजह वजन कम होना
 

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