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आयुष्मान भारत योजना : अस्पतालों बकाया भुगतान में तेजी

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  सुधीर राजपाल ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक विस्तृत बैठक कर आयुष्मान भारत योजना के तहत लंबित भुगतानों को लेकर उनकी चिंताओं पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पैनल के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों को भुगतान निरंतर जारी कर रही है और सभी लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

बैठक के दौरान राजपाल ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और चिकित्सा क्षेत्र में आ रही समस्याओं को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लंबित सभी भुगतानों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करेगी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हड़ताल के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर सकती है, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए। उन्होंने कहा हम आपकी चिंताओं को समझते हैं और उन्हें हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन हड़ताल से उन गरीब मरीजों को नुकसान होगा जो इस योजना के माध्यम से समय पर और सस्ता इलाज प्राप्त करते हैं।

सरकार द्वारा भुगतान की प्रक्रिया जारी : आई .एम.ए.,हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष*
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आईएमए हरियाणा राज्य चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डी.एस. जसपाल ने कहा कि वह हड़ताल के निर्णय के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा लंबित भुगतानों की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है और हमें आश्वासन दिया गया है कि हमारी सभी चिंताओं का समयबद्ध समाधान किया जाएगा। ऐसे में हड़ताल का कोई औचित्य नहीं बनता। यह कदम केवल उन गरीब मरीजों के हितों को नुकसान पहुंचाएगा जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है।”

डॉ. जसपाल ने अपने चिकित्सा क्षेत्र के साथियों से सरकार के प्रयासों का समर्थन करने और बिना किसी बाधा के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते रहने की अपील की है।

‘ *हड़ताल कोई समाधान नहीं’ :डॉ. अनिल मलिक
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुख्यालय की AGC* 2025–2026 स्थायी समिति के सदस्य डॉ. अनिल मलिक ने कहा कि समस्याओं का समाधान उपयुक्त मंचों पर संवाद के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हड़ताल का रास्ता अपनाना किसी समाधान की ओर नहीं ले जाएगा, बल्कि केवल मरीजों की देखभाल में बाधा उत्पन्न करेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार से 4 अगस्त 2025 को बजट प्राप्त हो चुका है और इसके अनुसार, अनुबंधित अस्पतालों को ‘फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट’  आधार पर भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह राज्य सरकार की समय पर भुगतान और आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निर्बाध स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA), हरियाणा ने मई 2025 के पहले सप्ताह तक प्राप्त सभी दावों का प्रोसेस कर भुगतान कर दिया है। योजना के आरंभ से अब तक 2 हजार 900 करोड़ रुपए की राशि अस्पतालों को वितरित की जा चुकी है। वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 16 जुलाई 2025 तक राज्य और केंद्र सरकार से 240.63 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसे पात्र दावों के निपटान में पूर्ण रूप से उपयोग किया गया है।

अनुबंधित अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों की प्रक्रिया नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 50 डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की जाती है। यह पोर्टल दावों को रेंडम ढंग से आवंटित कर पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। सभी कटौतियाँ केवल तभी की जाती हैं जब नैदानिक औचित्य या आवश्यक दस्तावेज अनुपलब्ध हों और वे NHA के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होती हैं। किसी भी अस्वीकृति या कटौती से पहले अस्पतालों को जरूरी दस्तावेज जैसे कि वाइटल चार्ट, क्लिनिकल इमेज, ऑपरेशन थिएटर नोट्स और टेस्ट रिपोर्ट अपलोड करने का अवसर दिया जाता है। यदि कोई अस्पताल कटौती से असहमति रखता है, तो वह पोर्टल के माध्यम से अपील दर्ज कर सकता है। इन अपीलों की समीक्षा एक निर्धारित मेडिकल ऑडिट कमेटी द्वारा की जाती है।

राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने भुगतान में देरी, दावों की अस्वीकृति, और दावों के प्रोसेस न होने से जुड़ी अस्पतालों की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया है। अब तक अनुबंधित अस्पतालों द्वारा CGRMS 2.0 पोर्टल के माध्यम से 400 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिन्हें सुलझा दिया गया है।

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