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Food Alert: सिगरेट वाली वॉर्निंग लिस्ट में कैसे आ गए समोसा, जलेबी, लड्डू? हेल्थ मिनिस्ट्री ने जारी की एडवाइजरी

भारत में जल्द ही ऐसा वक्त आ सकता है जब चाय के साथ समोसा, जलेबी या बिस्किट खाते समय आपके सामने एक चेतावनी बोर्ड होगा — ठीक वैसे ही जैसे सिगरेट के पैकेट पर होता है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के सभी केंद्रीय संस्थानों, जैसे नागपुर AIIMS, को निर्देश दिया है कि वे “ऑयल और शुगर कंटेंट” बोर्ड लगाएं, जो लोगों को बताएंगे कि उनके नाश्ते में कितना वसा और चीनी छिपा है।

यह क्यों हो रहा है?
जंक फूड को “नया तंबाकू” माना जा रहा है
जैसे तंबाकू से कैंसर और हृदय रोग होते हैं, वैसे ही अत्यधिक वसा (फैट) और चीनी भी मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग का कारण बन रहे हैं।

बढ़ता मोटापा - एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा

2050 तक भारत में 45 करोड़ लोग मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त हो सकते हैं।

हर 5 में से 1 शहरी वयस्क और हजारों बच्चे पहले से ही मोटापे का शिकार हैं।

यह संकट अमेरिका के बाद भारत को दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बना सकता है।

AIIMS नागपुर से शुरू होगी पहल
AIIMS नागपुर जैसे संस्थानों में अब:

कैफेटेरिया या कैंटीन में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।

गुलाब जामुन, समोसा, वड़ा पाव, पकौड़े जैसे आइटम की शुगर और फैट कंटेंट बताई जाएगी।

बोर्ड पर संदेश होगा:

"समझदारी से खाएं — आपके भविष्य का शरीर आपका आभारी रहेगा।"

डॉक्टरों की चेतावनी
"शुगर और ट्रांस फैट — अब नए तंबाकू हैं"
— डॉ. अमर आमले (नागपुर कार्डियोलॉजिकल सोसायटी)

"खाने पर रोक नहीं, लेकिन जानकारी ज़रूरी है"
— डॉ. सुनील गुप्ता (वरिष्ठ डायबेटोलॉजिस्ट)

"अगर लोगों को पता हो कि एक गुलाब जामुन में 5 चम्मच चीनी होती है, तो वे दो बार सोचेंगे।"

इसका मकसद क्या है?
किसी भी खाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है।

बल्कि, लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे क्या खा रहे हैं।

यह कदम डायबिटीज, बीपी और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से लड़ने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
 

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